Friday, August 12, 2005

परिचय

जन्म- 21 मार्च 1960 होशंगाबाद [म.प्र.]

पिता- श्री नामोमल मूलचदानी

माता- श्रीमती नानकी देवी

शिक्षा- बी. कॉम.

लेखन- आरंभ 1980 सेहिन्दी और सिन्धी भाषा में [गद्य एवं पद्य लेखन व्यंग्य गीत ग़ज़ल नई कविता हाइकु क्षणिकाएँ लघुकथा]

प्रकाशन- राष्ट्रीय स्तर की पत्र-पत्रिकाओं में।

प्रसारण- दूरदर्शन एवं आकाशवाणी से।सब टी.वी. के वाह-वाह लोकप्रिय धारावाहिक में।

20 वर्षों से हिन्दी एवं सिंधी भाषाई कवि सम्मेलनों के प्रतिष्ठित मंचों से काव्यपाठ. विशेष लघु वृत्तचित्र “काग़ज़ की लेखी” में अभिनय हिन्दी साहित्य सम्मेलन प्रयाग में ‘सिंधी भाषा कवि सम्मेलन’ में सम्मानित इन्दौर म.प्र. में “रींझवाणी” पुरस्कार से विभूषित। “कुत्ते की पूँछ” काव्य संग्रह के प्रकाशनोपरांत अहिन्दी भाषी “हिन्दी सेवी” सम्मान म.प्र. के माननीय मुख्य मंत्री द्वारा सम्मानित । विभिन्न साहित्य संगठनों द्वारा सम्मानित।

सम्पर्क सूत्र-

महेश बूट हाउस

नेहरू चौक इतवारा रोड

होशंगाबाद [म.प्र.] -461001

दूरभाष- 07574-253183 [आवास], 253123 [दू.]

मोबा- 9425366326




सिन्धी कविताएँ

मेरी सिन्धी कविताएँ


सिन्धी कविताएँ

खन्ड्रु

मां जीये ही घर आयुमु
ज़ाल खे चाहिं जो हुकमु बुधायो
पर, ज़ाल चाहिं देवणं जी बजाय
मुहिंजो मथो खाँयण लगी
घटि वधि गालयण लगी
माँ अख्यूं देखारीयूं मासि
त थी वयी चुप
अहिं हथन मे झोलों दयी चयईं -
जेस ताईं घर में , खन्ड्रु न ईन्दी
मुहिंजा मिठणा तूं ही बुधाय
चाहिं कियं ठहन्दी
माँ पहिंजो खीसो गोल्यो
उथियो ही हुयमु
हथ मे खँड़ी
राशन कार्ड अहिं झोलो
तदहिं दर तौं
हिकणे फ़कीर जी आवाज़ आई
झूलेलाल जे नाले ते
थोड़ी खन्ड्रु दे माई
मां फ़कीर खे वन्त्री चयो
असां जो राशन-कार्ड ही
तव्हां खंड़ी वन्ञो
अहिं अंसाजे हिस्से जी
खन्ड्रु वठी मजे सां वन्ञी खाओ
***
-महेश मूलचंदानी

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